सबसे लंबा चलने वाला प्रकृति का त्यौहार है हरेला

 🌾Happy Harela🌾


हरेला लोक का त्यौहार है और लोक सबको साथ लेकर चलता है जिसमें हिमालय में बर्फ होने तक, गंगा का पानी होने तक हरेला भेटने की कामना की जाती है। 
हरेला निश्चित रूप से ऐसा एक त्यौहार है जो पौधारोपण, जैवविविधता संरक्षण एवँ कृषि समाज का एक प्रतीक है, पर सदियों से चले आ रहे इस त्यौहार को अब स्वयम संरक्षण की जरूरत है।



दुनिया भर के तमाम मनोवैज्ञानिक हों या आध्यात्मिक गुरु, हर किसी का यही प्रेरणादायी संदेश होता है, बाहरी प्रकृति से हमारी मनोस्थिति प्रभावित होती है। योग, ध्यान व आत्मिक सुकून का चरम सुख प्राप्त करने के लिए तो हमें प्रकृति के ही करीब रहना पड़ता है। तो हम जहां हैं, वहां की प्रकृति ठीक करने के लिए क्यों नहीं मचल उठते हैं।


🌱🌏🌱

Comments

Popular posts from this blog

Revolutionising Himalayan Agriculture: The Magic of Nepalese-Alder Forests

खाद: प्रकृति का उपहार, हमारी जिम्मेदारी

Today's Environment News Update